बिहार का फर्जी नेता ?? पिछड़ा बिहार का भटका युवा ??

//बिहार का फर्जी नेता ?? पिछड़ा बिहार का भटका युवा ??

बिहार का फर्जी नेता ?? पिछड़ा बिहार का भटका युवा ??

अपनी अपनी राजनैतिक पकड़ बनाने के लिए बिहार के नेता लोग आजकल दे रहे वहां के बेरोजगार युवा को जातिवाद और उग्रवाद का प्रशिक्षण जिससे उसका इस्तेमाल चुनाव में नेताओं द्वारा दिए जाने वाले खोखले नारे और झूठे वायदे के आगे वो लोग जय जयकार करे।

प्रशिक्षण देकर जब उसका ब्रेनवास हो जाता है तो फिर उन युवाओं में से किसी को बनाया जाता है पार्टी का युवा  मंत्री, मीडिया प्रभारी या तो किसी को जिला मंत्री… और इलेक्शन ख़त्म होने के बाद जब वो नेता लोग बन जाता है MP, MLA या  सरकार में मंत्री तो फिर इन सबको मिलता है बाबा जी का घंटी अब पांच साल बजाते रहो।

बच्चे का स्कूल का फ़ीस देने का पैसा रहे न रहे बीबी के पास अच्छे कपडे पहनने के लिए रहे न रहे लेकिन अपना नेताओं का चमचागिरी करने के लिए के लिए सफ़ेद कपड़ा जरूर सिलवा लेता है। फिर माँ बाप भले गंदे कपड़ा पहन कर झक मारे लेकिन उसका सफ़ेद कपडे पे निल टिन्नोपाल में कमी नहीं होना चाहिए। बिहार में एक कहावत है माँ करे कुटन पिसान बेटा का नाम दुर्गादत्त। माँ बाप मेहनत मजदूरी करे और बेटा नेताओं का चमचागिरी।

जो अपना भविष्य निर्माण नहीं कर सकता जो अपने परिवार का नेता नहीं बन सकता, जो अपने परिवार का जिम्मेदारी नहीं निभा सकता, जो पाने परिवार को सुखी नहीं रख सकता, ऐसे बिहार के फर्जी युवा नेता ही बिहार को देश का सबसे पिछड़ा और गरीब राज्य बनाने का जिम्मेदार है और इन्ही लोगों के कारण बिहारी शब्द गाली बन चूका है।

जिसने कभी पिता के साथ खेत में पसीना नहीं बहाया वो किसान का दर्द क्या समझेगा ?? जिसने कभी बाढ़ के समय बाढ़ पीड़ितों का सहायता नहीं किया वो बिहार के बाढ़ के समस्या का निदान क्या ढूढ़ेगा ?? जिसने कभी बिहार से बाहर जाकर दुनियाँ के विकास का अनुभव नहीं किया हो, वो क्या विकास का परिभाषा क्या समझेगा ?? जिसका खुद का वजूद नहीं वो बिहार का वजूद क्या बचाएगा ?? जिसने कभी अपने माँ बाप को गरीबी से बाहर निकालने के लिए मेहनत करने का प्रयास नहीं किया वो गरीब का दर्द क्या समझेगा ?? जिसने कभी मजदूरी नहीं की वो बिहार के मजदूरों का समस्या क्या समझेगा ??

अमीर बाप के बिगड़े हुए औलाद और फर्जी युवा नेता हमारा बिहार का नेतृत्व नहीं कर सकता जो खुद भटका हुआ है वो बिहार को क्या राह दिखायेगा इसलिए जो स्वयं अपने आपको बदलने के लिए तैयार है वही इस मुहीम का हिस्सा बने। सर्वप्रथम अनुसाशित जीवन जीने के लिए, स्वयं का व्यक्तित्व निर्माण जरुरी है चुकी हम बदलेंगे तो बिहार अपने आप बदलना प्रारंभ हो जायेगा।

अगर मेरा बात कड़वा लगा हो तो कमेंट में गाली लिखना न भूलें तभी हम समझेंगे की हमारा मेहनत सफल हो पाया चुकी हमारा लक्ष्य है बिहार के युवा के अंदर आग लगाना इसके लिए आपका गाली भी मेरे सर आँखों पे।

 

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By |2023-01-18T17:09:01+05:30February 21st, 2023|मुहिम|0 Comments

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