बिहार के पिछड़ने का सबसे प्रमुख कारण रहा 90 का दशक, गुंडागर्दी, हफ्तावसूली, रंगदारी , अपहरण, नरसंहार, लूट, हत्या और दिन दहाड़े भरी बाजार में गोलियों की गूंज और निर्दोषो की चीत्कार जिसने बिहार की गौरव शाली अतीत को अपने तांडव में समाहित कर लिया।
ऐसा दौर जिस समय बैलेट से नहीं बुलेट से मतदान हुआ करता था उस दौर के काफी लोग अभी भी जीवित है जिसने मानवता का चीरहरण को अपने लाचार और विवस आँखों से देखा और यही वह कलाध्याय बिहार के स्वणिर्म अतीत पे कालिक पोत दिया और देश और दुनियाँ में बिहारी शब्द को एक अभिशाप बना कर छोड़ दिया।
जब 1991 में वित्तमंत्री मनमोहन सिंह ने वैश्वीकरण के निति के तहत भारतीय अर्थव्यवस्था को विश्व अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत करने की शरुआत की तो जिस समय गुजरात, बंगाल, महाराष्ट्र, कर्नाटका जैसे राज्य की सरकारें विश्वभर से आ रहे उद्योगपतियों को अपने यहाँ उद्योग धंधे लगाने के लिए आकर्षित करने की प्रतिस्पर्धा में लगे थे। उस समय हमारा बिहार जातिवाद और गुंडागर्दी की राजनीती की वेदी पे धु -धु कर जल रहा था और जिस कारन 1991 में आये वैश्वीकरण उदारीकरण और निजीकरण जैसी नीतियों का फायदा बिहार नहीं उठा पाया। और उस दौर का असर आजतक है जो अभीभी कोई बड़ा उद्योगपति बिहार में अपना उद्योग लगाने से असहज महसूस करता है।
और जिस कारण बिहार के प्रतिभावान और कुशल लोग मजबूर होकर बिहार से अपने जीवका उपार्जन के लिए पालयन कर दूसरे राज्य के विकास में अपने कला कौशल और श्रम के योगदान से दुसरो को विकशित किया और कर रहा है और लेकिन उसका अपना बिहार दिन प्रतिदिन पिछड़ता चला गया। और आज विकास के अंतिम पायदान पे खड़ा गठबंधन और महागठबंधन के राजनीती के आगे लाचार और विवस बिहार अपने युवा से मजबूत नेतृत्व की भीख मांग रहा है ।
दुनिया को राजनीति, कूटनीति और अर्थशात्र का पाठ पढ़ाने वाले चाणक्य का बिहार कई दशकों से जातिवाद के केंद्र में भ्रस्टतंत्र और परिवार तंत्र रूपी अँधेरा में गुमनाम होकर कर देश के सबसे गरीब राज्यों में अपनी पहचान बना चूका है। जो बिहारियों के लिए किसी कलंक से कम नहीं…..
बिहार से बाहर हमें जाती के नाम पे नहीं बल्कि हमसभी बिहारी के नाम से जाने जाते है , इसलिए सभी बिहारी भाइयों से मेरा अनुरोध है की बदले की राजनीती को छोड़ बिहार को बदलने की रणनीति के संकल्प के साथ हम जहाँ है जिस परिस्थिति में है अपने मोबाइल फोन के माध्यम से एक दूसरे से जुड़कर और ज्यादा से ज्यादा आदमी को जोड़कर एक डिजिटल प्लेटफार्म पे बिहार के समस्या के समाधान के लिए अपनी अपनी राय व्यक्त करने की कृपा करें। जिससे हमलोग आने वाले चुनाव में अपने अपने क्षेत्र के प्रतिभावन युवा को चुन अपना मजबूत जनप्रतिनिधि विधान सभा और लोक सभा में भेज पाए जो हमारे क्षेत्र की समस्या को दुनियां के सामने मजबूती से पेश कर सके।
इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर और फॉरवर्ड कर एक आदर्श बिहार बनाने में अपना भागीदारी निभाएं।
Leave A Comment