जातिवाद की राजनीती से किसे क्या फायदा मिला ये कमेंट बॉक्स में लिखने की जरूर कृपा करें। विकास का मतलब होता है सड़क, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य , टेक्नोलॉजी , उद्योग धंधे का विस्तार, रोजगार के नए अवसर की खोज इन सब इंफ्रास्ट्रचर का विकास होने से सिर्फ किसी एक जाती या धर्म को इसका फायदा नहीं मिलेगा बल्कि उस क्षेत्र के सभी लोग इसका फायदा उठाने में सक्षम होगा।
उदहारण के तौर पे जिस क्षेत्र में अच्छे सड़क बने है उसपे कही ऐसा तो नहीं लिखा है की ये किसी विशेष जाती या धर्म के लिए बना है और सिर्फ किसी विशेष जाती को चलने का अधिकार नहीं है। लेकिन अफसोच बिहार की जनता जातिवाद के जहर की मूर्क्षा में विकास की परिभाषा को समझने में असफल रहा और जिसका परिणाम आज बिहार देश के सबसे गरीब और पिछड़ा राज्य के श्रेणी आ खड़ा हो गया।
हम किसी सरकार या पार्टी की आलोचना नहीं करना चाहते चुकी इस चालीस वर्षों में बिहार में अनेको पार्टी की सरकारें आयी और गई लेकिन बिहार दिन प्रतिदिन पिछड़ता ही गया। उसकी क्या मज़बूरी रही होगी ये हमें नहीं मालूम और इसमें समय बर्बाद करना वेबकूफी होगी। हमें नफ़रत की राजनीती करने में अपना समय बर्बाद नहीं करना चुकी हमलोग पहले से हीं जातिवाद के नफरत से त्रस्त और जिसके कारण बिहारी दुनियाँ में पस्त है और बिहार का सूर्यास्त हो रहा है।
इसलिए हमें किसी सरकार के खिलाफ नहीं जाना और न हमें सड़क पे आंदोलन करने की जरुरत है बल्कि हम जहाँ है वहीं से बैठे मोबाइल के माध्यम से ऑनलाइन अपना विचार रख हमसभी मिलकर एक दूरदृष्टा रणनीति बनाकर, अपने क्षेत्र और बिहार के गौरवशाली अतीत को फिर से पुनर्जीवत करने के संकल्प के साथ आनेवाले चुनाव में हम अपने बहुमूल्य वोट का इस्तेमाल पूरी जिम्मेदारी के साथ करेंगे।
तभी हम अपने माथे पे लगे पिछड़ा होने के कलंक को धो पाएंगे और एक शसक्त बिहार बनाने में सफल हो पाएंगे। अगर पोस्ट अच्छा लगा हो तो इस मुहीम को सफल बनाने के लिए इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर करना न भूलें।
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