आज दुनियाँ मुझसे सवाल पूछ रही जिस राज्य में सबसे ज्यादा युवा हो… जिस राज्य के लोग सबसे ज्यादा मेहनती हो.. वो राज्य देश के सबसे पिछड़े राज्य के श्रेणी में क्यों, बिहारी शब्द गाली क्यों बन गया..??, ऐसा समय जब देश और दुनियाँ हमपे थूक रही है, ऐसे विकट परिस्थिति में बिहार के युवा मूर्क्षा में क्यों ??
ऐसा वक्त जब बिना रोड पे उतरे टेक्नोलॉजी के माध्यम से हम जहाँ है जिस परिस्थिति में है प्रतिदिन पांच – दस मिनट मोबाइल के माध्यम से बिहार के स्वर्णिम भविष्य के लिए ऑनलाइन एक दूसरे से जुड़ बिहार में विकास का माहौल तैयार कर सकते the। हम अपनी जिम्मेदारियों से जितना भागेंगे वो उतना ही हमारा पीछा करेगा हम मजदुर लोग है लेकिन मजबूर नहीं और इसका तो इतिहास साक्षी है बिहारियों ने जबजब अपना सर उठाया तबतब इतिहास बनाया है।
कबतक हम इस कलंक को लेकर देश और दुनियाँ अपना सर नीचे करके चलेंगे ?? आनेवाले पीढ़ी को हम क्या जवाब देंगे ?? जिस बिहार ने विश्व को राजनीती सिखाया, जो भूमि आर्यवर्त के रचियता चाणक्य और चन्द्रगुप्त, महान अशोक, भगवान बुध, जिनेश्वर महवीर, गुरु गोविन्द सिंह, शेरशाह जैसे महामानवों की कर्मभूमि रही बिहार कबतक अपना गुमनामी में जियेगा। उस राज्य की युवा बेहोसी में क्यों??
जो बिहार की भूमि अन्याय और दमन के खिलाफ आंदोलन और क्रांति के लिए जाना जाता था आज अपनों से ही लाचार और विवश देश के सबसे गरीब राज्य के कतार में अंतमि पायदान में खड़ा विकास की गुहार लगा है। हम अंग्रेज से तो जीत गए उन्हें भगाने में हम कामयाब हो गए लेकिन उनके DEVIDE AND RULE POLICY, फुट डालो राज्य करो नीति हम नहीं मिटा पाए और जातिवाद के राजीनीति के आगे हमने घुटने टेक दिए।
कुछ मुठी भर लोग जातिवाद के नाम पे हमारी एकता और अखडण्ता को खत्म कर दिया और हम मूकदर्शक बन देखते रहे। चाहे वो किसी भी पार्टी का लोग हो उन्होंने बिहार को जातिवाद का अखाडा मान हमें दशकों से लुटा और आज हमें देश के पिछड़े राज्य के श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया। कब जागेगी बिहार के सोई हुई दिलफेंक युवा की आत्मा ??
हम अपनी बर्बादी पे खुद ताली बजाते रहे और दुनियाँ के लिए अब बिहारी एक गाली बनकर रह गया है। आजादी के समय जो राज्य हमसे पिछड़ा था वो आज विकसित राज्य के श्रेणी में आ गया और हम पिछड़े राज्य के श्रेणी में आ गए। अगर अतिशीघ्र हमलोग जातिवाद के जहर के मूर्क्षा से बाहर नहीं आये तो पूरी दुनियाँ हमपे थूकेगी और हम सदा के लिए अतिपिछड़ा बनकर रह जाएंगे।
हमें सड़क पे आंदोलन करने या सरकार और किसी नेता के विरोध में अपना समय नहीं बर्बाद करना हमने अबतक सभी राजनैतिक दलों को मौका दिया अब हमें किसी पार्टी की सरकार नहीं चाहिए बल्कि हम अपने अपने क्षेत्र में सर्वसम्मति से निर्दलीय प्रतिनिधि चुनेगे। हमारा जनप्रतिनधि या नेता कैसा हो और उसे हमलोग कैसे चुनेंगे इसका पूरा प्रोसेस हम आनेवाले विडिओ में जल्द बतायेगे।
इसलिए बिहार के सभी युवा से मेरा आवाहन है की बिहार की अस्मिता को बचाने के लिए अपने गौरवशाली अतीत को पुनर्जीवित करने के लिए डिजिटल माधयम से समाज में जागरूकता फैलाकर डिजटल क्रांति का आगाज कर हम जिस काम में है वो काम करते हुए जिस जगह पे बैठे है वहीँ से ऑनलाइन जुड़कर हम बिहार को बदलने की जनक्रांति का आगाज कर सकते है और सभी को एक नए झंडा के तले एकजुट कर बिहार के विकास के लिए संकल्प लेना होगा ।
बस अंत में आपसभी अनुरोध है की कमेंट में लिखें “एक बिहारी सौ पे भारी ” बस इतना ही मेरा हौसला बढ़ाने के लिए काफी होगा इस मुहिम को जल्द अंजाम तक पहुंचाने के लिए इस पोस्ट को को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर और फॉरवर्ड कर एक आदर्श बिहार बनाने में अपना भागीदारी निभाएं।
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