राष्ट्रभक्ति सिर्फ देश के सीमा पे बन्दुक उठाना या सड़क पे आंदोलन करना नहीं बल्कि हम अगर अपना व्यक्तित्व निर्माण कर रहे है अपने आप को विकशित कर रहे या अपने आपको शिक्षित कर रहे तब भी हम राष्ट्र निर्माण या राष्ट्र के विकास में योगदान दे रहे है।
चुकी हम विकसित होंगे तो हो सकता है हमें देखकर और लोगों में भी विकशित और शिक्षित होने की लालसा जागेगी हम अगर अच्छे इंशान बनेगे तो हमें देखकर दूसरे लोग भी अच्छे बनने का कोशिश करेगा फिर एक से दो और दो से चार और चार से चालीस लोग भी अच्छे बनेंगे चुकी कभी भी शुरआत एक से ही होती है और फिर वह अनंत तक हो सकता है।
इसलिए किसी दूसरे को बदलने से पहले हमें स्वयं को बदलना जरुरी है समाज में परिवर्तन लाने के लिए पहले हमें स्वयं में परिवर्तन लाना होगा और तभी बिहार में परिवर्तन संभव हो पायेगा।
आज बिहार लाचार विवस देश के सबसे पिछड़े पायदान पे खड़ा है ऐसे में सभी बिहार वासियों का कर्त्वय बनता है अपने आपको आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वयं के व्यक्तित्व निर्माण पे ध्यान दे और एक आदर्श बिहार बनाने के लिए एक जिम्मेदार व्यक्ति और जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य निभाएं।
और इस मुहीम का हिस्सा बन समाज में जागरूकता लाने के लिए इस मुहीम को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर कर आदर्श बिहार बिहार बनाने का संकल्प ले।
नमस्कार जय हिन्द जय बिहार।
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