आज आप विकसित देशों और प्रदेशों के शिक्षा पद्धति का अगर आप अनुभव करेंगे तो पाएंगे वहां की स्कूलों में पांचवीं क्लास से ही अनुसन्धान और बिजनेस मैनेजमेंट जैसे स्किल सिखाये जाते है और उनके बच्चे दसवीं कक्षा तक आते आते किसी न किसी क्षेत्र में स्किल्ड हो जाते है जोकि उसे आत्मनिर्भर बनाने में सक्षम होता है। चुकी जब लोग आत्मनिर्भर होगा तभी वह राज्य आत्मनिर्भर होगा जब नागरिक विकास करेगा तभी वह प्रदेश या देश विकशित होगा और तभी समाज व्यक्ति के जीवन स्तर में सुधार संभव हो पायेगा।
हमारे शिक्षण का उद्देश्य स्वावलंबन होना चाहिए। शिक्षा का उद्देश्य मानव जीवन की हर समस्या के समाधान के बारे में व्यक्ति को प्रोत्साहित कराना है। अगर हमारे बिहार में बाढ़, सुखाड़, गरीबी की समस्या है तो उसका समाधान क्या हो सकता है और क्या होना चाहिए और दुनिया के लोगों ने किस तरीके से अपने-अपने देशों की आवश्यकता को पूरा किया, कठिनाइयों का समाधान किया, इसकी जानकारी देना ही शिक्षा का काम है लेकिन हमारे यहां निरर्थक बातें बच्चों के दिमाग में ठूसी जाती हैं, उसको जुबानी याद करने के लिए मजबूर किया जाता है।
बिहार की शिक्षा पद्धति बच्चे को मानसिक और शारीरक दोनों रूप से गुलाम बनाता है, बस जो किताब में छपा है उसे रट लो और सरकारी नौकरी के इम्तहान में जाकर छाप दो और इसका ही असर है बिहार का ज्यादातर स्टूडेंट इम्तिहान तो पास कर MA BA कर लेता है लेकिन अपने जीवन के इम्तिहान में फ़ैल हो जाता और जिस कारन वह स्वालम्बी या आत्मनिर्भर नहीं बन पाता वही बिहार का स्टूडेंट अगर बचपन से बिहार से बाहर पढाई कर रहा है तो उसमे से ज्यादातर स्टूडेंट सफलता के शिखर पे होता है।
इसलिए बिहार के ज्यादातर लोगों का मानना है जो बिहार से बाहर चला गया उसका भला निश्चित है और उसके बच्चे का भविष्य भी उज्ज्वल हो जाता है लेकिन इस धारणा में हमलोग कबतक जियेंगे और और बिहार को हम ऐसे पिछड़ते हुए छोड़ देंगे?? फिर अपने आने वाले पीढ़ी को क्या जवाब देंगे?? चुकी समस्या से भागने वाला तो कायर होता है और सिर्फ अपने लिए जीने वाला स्वार्थी कहलाता है। क्या एक नागरिक होने के नाते अपनी मातृभूमि के लिए हमारी कोई जिम्मेवारी और कर्तव्य नहीं? क्या हमारी अंतर् आत्मा मुझे माफ़ कर देगी ??कृपा कर कमेंट जरूर करें ।
नहीं कुछ कर सकते तो कम से कम इस चैनल को सब्सक्राइब कर और इस चैनल के सभी विडिओ को ज्यादा से ज्यादा बिहार वासियों तक शेयर और फारवर्ड कर बिहार में विकास का माहौल पैदा करने में अपना योगदान तो दे ही सकते है।
बिहार में परिवर्तन लाने के लिए सड़क पे आंदोलन की जरुरत नहीं बल्कि हमलोग जहाँ है वंहा से बैठे हर दिन दस मिनट ऑनलाइन मोबाइल के माध्यम से जुड़ और ज्यादा से ज्यादा आदमी को इस मुहीम से जोड़ निचे दर्शाये गए किसी भी माध्यम से अपना विचार रखने के साथ साथ बिहार में विकास का माहौल पैदा करने की कृपा करें। सभी महनुभवों से मिल रहे सलाह और विचार के आधार पे बिहार में परिवर्तन लाने का रोड मैप बहुत जल्द आपके सामने होगा।
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