हम मानते है बिहार के पिछड़ने में बिहार के बच्चे का कोई दोष नहीं। लेकिन हम अपने बिहार के प्रिय बच्चे को अगाह करना चाहता हूँ की आज जो बिहार की स्थिति है उसका असर आपके जीवन पे भी हो रहा है और निकट भविष्य में इनका खामियाजा आपको भी भुगतना पड़ेगा और जब आप बिहार से बाहर पढाई या रोजगार ढूढ़ने निकलेंगे तो फिर आपको हिन् भावना से ग्रसित होना पड़ेगा।
और इसमें कोई शक नहीं बिहार के बच्चे निडर, साहसी होते है और कड़ी मेहनत तो उसके DNA में होता है इसलिए आज मैं इस विडिओ के माध्यम से अपने बिहार के उन गरीब, किसान, मजदुर के प्रतिभाशाली बच्चे को एक जिम्मेदारी देना चाहता हूँ जैसा की हम जानते है आपसभी मोबाइल चलाने में एक्पर्ट होंगे तो फिर हर दिन दस मिनट अपने मातृभूमि बिहार के अतीत के बारे में और विश्व के पथ प्रदर्शक गौरवशाली बिहार के योगदान के बारे में गूगल या यूट्यूब पे पढ़ने और सुनने का अभ्यास आज से शुरू कर दें।
और जब आप महीने दस दिन में अध्यन कर लें तो जातिवाद की रोग से ग्रसित अपने माता पिता दोस्त परिजनों से आप सवाल करना प्रारम्भ कर दे की देश और दुनियां के लिए ज्ञान का केंद्र रहा बिहार की धरती, दुनियाँ को आयुर्वेद और विज्ञानं से परिचित कराने वाले महर्षि चरक की भूमि, शून्य की खोज, गणित और सौरमंडल के बारे में दिए गए ज्ञान से खगोल विज्ञानं में क्रांति लाने वाले आर्यभट्ट की भूमि बिहार आज देश का सबसे पिछड़ा राज्य कैसे बन गया ??
जो जहाँ मिले चाहे वो मामा हो या चाचा या आपके शिक्षक हर दिन कम से कम दस लोगो के पास इस सवाल को जरूर दोहराएं जिससे उसकी सोई हुई आत्मा जग सके। और अगर ये लोग समझाने का प्रयास करे की बिहार के नेता लोगों का गलती है तो समझ लेने का ये लोग अपना किया हुआ पाप छुपा रहा है चुकी इन्ही में से कुछ लोग अपने अपने जाति के ठेकेदार के हाथों चंद पैसे और खैरात में मिले भीख के बदले अपने मातृभूमि के साथ सौदा कर अपने बच्चे के भविष्य के साथ गद्दारी किया है।
फिर ये बोलेंगे बिहार में संसाधनों की कमी और बाढ़ के कारणों से बिहार गरीब हो गया तो इन्हे आईना दिखाने के लिए आपको सिंगापूर, इजराइल, जापान जैसे देशों के विकास के सफर के बारे में जोकि मोबाइल पे उपलब्ध है गूगल या यूट्यूब पे अध्ययन कर जवाब देना होगा की ये सभी देश संसाधनों के अभाव और भयंकर प्राकृतिक आपदा के बिच अपने देश के गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी पे विजय प्राप्त कर विश्व में अपना कृतिमान स्थापित किया है।
और ये सब वहाँ के नेता का मजबूत नेतृत्व क्षमता और वहां की जनता का अटूट राष्ट्र प्रेम से संभव हो पाया, चुकी उसे मालूम था अगर राष्ट्र का अस्तित्व रहेगा तभी हमारा और हमारे जाती धर्म और मजहब का अस्तित्व बच पायेगा। और इसका प्रमाण और सीख बगल में बर्बाद हुए श्रीलंका को देखकर लिया जा सकता है। जिससे बिहार वासियों की सोई हुई आत्मा जग सके और बिहार को एक मजबूत नेतृत्व देने के ओर अग्रशर हो सके। नहीं तो निकट भविष्य में देश और दुनियाँ हमारे मुँह थूकेगी।
बिहार में परिवर्तन लाने के लिए हमें रोड पे प्रदर्शन करने की कोई जरुरत नहीं बल्कि हमारे लिए मोबाइल ही काफी है हम जहाँ है वहां से बैठे बैठे बिहार की समस्या के समाधान के लिए अपना विचार व्यक्त कर सकते है। और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस मुहीम से ऑनलाइन जोड़ इस मुहीम को सफल बनाने में अपना भागीदारी निभाएं।
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