स्वयं को कैसे बदले ?? How To change himself??
हमलोग ज्यादातर समय सोचने में, दूसरे को देखने, दूसरे के चरचा और नेताओं तथा खिलाडियों के लिए ताली बजाने और हू लाला, भावी देवरा वाला अंग प्रदर्शन देखने में बर्बाद कर देते है, हमलोग दूसरों को देखने के चक्कर में दर्शक बनकर रह गए। हम जब तक हम फालतू की बातों में अपना समय बर्बाद करते रहेंगे तबतक फालतू ही बने रह जायेंगे। जरुरत है आत्मंथन की हमें क्या देखने और सुनने से फायदा मिलेगा वो हमें स्वयं से पूछना होगा और स्वयं को बदलने की शुरुआत करना होगा। अब [...]
लक्ष्य हासिल कैसे करे??
शुरुआत अगर प्रचंड हो और आपका हर अगला कदम आपके शरीर के हर अंग को उस आनन्द का इमैजिनेशन करके रोमांचित होना चाहिए जो लक्ष्य को पाने के बाद हमें क्या अनुभूति होने वाला है जोकि आपके अंदर उस तड़प को पैदा करेगा जैसे एक माँ बच्चे को जन्म देते समय उस महिला को बीस हड्डियों के एक साथ टूटने जितना दर्द होता है जोकि 57 डेल के बराबर होता है। लेकिन दूसरी तरफ उसकी माँ बनने का आनंद उस दर्द को बर्दास्त करने की क्षमता प्रदान करता है। स्वयं [...]
अपना जीवन का लक्ष्य कैसे चुने ?? अपना जीवन का रोडमैप कैसे बनायें ??
सपना से सोच का जन्म और सोच रूपी बीज को माइंड में डालने के बाद जिस पौधा का जन्म होता है उसे लक्ष्य कहते हैI बस जरुरत है अपने अंदर सोच पैदा करने की और उसे संकल्प के साथ अंजाम तक पहुंचाने की जूनून पैदा करने की। अब सवाल उठता है अपने अंदर सोच कैसे पैदा करें इसके लिए कुछ नहीं अपने आपसे सवाल पूछना चालू कर दीजिये, हम पैदा क्यों लिए?? हम जो जीवन जी रहे क्या सही माने में यही जीवन है ?? जीवन का वास्तविकता क्या है [...]
मैं बिहारी, किससे पूंछू बिहार का लूटने का सवाल ??
मैं बिहारी एक किसान और मजदूर का बेटा जब रोजी रोटी कमाने अपने घर से बहार निकलता हूँ तो दिल में उठता है बहुत सारे सवाल… लेकिन है तो पापी पेट का सवाल… फिर ख़त्म हो जाता है मेरे देल के सारे मलाल क्योकि मुझे तो अपनों ने हीं किया है जाति और धर्म के नाम पे हलाल फिर मैं किससे पूंछू बिहार का लूटने का सवाल। फिर अपने आपको सान्तवना देने के लिए बंसल जी के कविता के तर्ज पे गुनगुनाता हूँ मुठ्ठी में कुछ सपने लेकर, दिल में [...]
अस्मभव कुछ भी नहीं !!
impossible word को अगर ध्यान से पढ़ेंगे या सुनेंगे तो इस शब्द में ही छुपा है im-possible, इस दुनियां में अस्मभव कुछ भी नहीं Nothing is impossible और दूसरा We can do हम कर सकते है अर्थात हम कुछ भी कर सकते है बस जिसे जिसने इन दो बातों के रहस्य को समझ लिया और स्वयं पे विश्वास कर दृढ संकल्प के साथ आगे बढ़ना प्रारम्भ कर दिया , उसके लिए दुनियाँ में कुछ भी करना संभव हो सकता है । चुकी दुनियाँ में हर व्यक्ति अद्वितीय है everyone is [...]
जातिवाद की डर्टी पॉलिटिक्स और पिछड़ा बिहार !!
आपने तू चीज बड़ी है मस्त मस्त गाना वाला फिल्म मोहरा में नसरुदीन शाह का रोल अगर देखा होगा तो बिहार की डर्टी पॉलिटिक्स को समझने में टाइम नहीं लगेगा कड़ी दर कड़ी अगर बिहार की नरभक्षी पॉलिटिक्स को समझा जाय तो काफी समय लगेगा और इस सम्बन्ध में अनेकों विडिओ इस चैनल पे मौजूद है । ये नेता लोग अपने वोट बैंक के लिए राजनीती तो पिछड़ा और अतिपिछड़ा का करता है लेकिन उसने उसका विकास या शसक्तीकरण का प्रयास कभी नहीं किया। फिर तो फिछडा से अतिपिछड़ा जाती [...]
राष्ट्रधर्म क्यों सर्वोपरि ??
राष्ट्रधर्म क्यों सर्वोपरि ये बिहार के सफेदपोश धर्म और जाती के ठेकेदारों से सीखने की जरुरत नहीं बल्कि वर्तमान के परिदृश्य में विश्व में हो रहे घटना से सिखने की जरुरत है। आज श्रीलंका के हालत का जिम्मेवार कौन ?? वहाँ जो महगाई, भुखमरी और अकाल की स्थिति पैदा हो चूका है इसका भुग्तभोगी कौन बना आम जनता या जाति और धर्म के नाम पे बांटने वाले नेता चुकी नेता लोग इतना मुर्ख नहीं होता वो अपने बच्चे को पहले ही विदेश में रख देते है और लुटा हुआ माल [...]
जाती और धर्म नहीं राष्ट्रहित ही सर्वोपरि ??
ये नेता लोग कितना भी नफरत फैलाये हमारा देश भारत की आत्मा को जागृत करने वाला स्वामी विवेकानंद को भी मानता और मिसायल मेन तथा देश के युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत यूथ आइकॉन ऑफ दी इंडिया A. P. J. Abdul Kalam के ऊपर गर्व करने में इतराने से नहीं चुकता। नफरत की राजनीती से नेता को फायदा तो संभव है लेकिन लेकिन किसी आम नागरिक या राष्ट्र का फायदा संभव नहीं। यहाँ सभी लोगों को अपने धर्मो को मानने की आजादी है। लेकिन धर्म के नाम पे अराजकता फैलाने का [...]
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जब हमारे क्षेत्र के नेता ही अज्ञातवास में रहते है और बिहार की सरकार क्या करे ??
व्यक्ति अर्थात मानव संसाधन विकास का सबसे बड़ा स्रोत हैं शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएँ जोकि अर्शों से वेंटिलेटर [...]
बिहार के शिक्षा स्तर को गिराने के लिए सबसे बड़ा साजिस??
बिहार में सरकारी स्कूल टीचर का नौकरी आमिर गरीब सभी बनना चाहता है लेकिन उसमे पढ़ने के लिए [...]
आधुनिक शिक्षा का उदेश्य ?? शिक्षार्थ आईये और सेवार्थ जाईये का अर्थ??
आज जोकुछ भी हम अपने आस पड़ोस देख रहे है या खुद इस्तेमाल कर रहे है चाहे वो [...]
स्वयं को कैसे बदले ?? How To change himself??
हमलोग ज्यादातर समय सोचने में, दूसरे को देखने, दूसरे के चरचा और नेताओं तथा खिलाडियों के लिए ताली [...]