बिहार को एक मजबूत नेतृत्व की जरुरत क्यों ?? इसका सीख हम सिंगापुर से ले सकते है !!

//बिहार को एक मजबूत नेतृत्व की जरुरत क्यों ?? इसका सीख हम सिंगापुर से ले सकते है !!

बिहार को एक मजबूत नेतृत्व की जरुरत क्यों ?? इसका सीख हम सिंगापुर से ले सकते है !!

कोई भी जंग सिर्फ हथियार और सेना के बल पे नहीं लड़ा जा सकता बल्कि जंग जितने के लिए हौसला सबसे जरुरी है और साथ ही उस सेना का नेतृत्व करने वाले सेनापति का मजबूत इरादे और दृढ़संकल्प सबसे महत्वपूर्ण होता है लेकिन जब सेनापति ही पहले हथियार डाल दे तो कितना भी मजबूत सेना हो उसकी हार निश्चित होती है।

ठीक इसी प्रकार देश के सबसे ज्यादा युवा आबादी वाला प्रदेश बिहार के पास विश्व की सबसे बड़ी श्रम शक्ति होने के वाबजूद एक मजबूत नेतृत्व के आभाव में आज देश का सबसे पिछड़ा और गरीब राज्य बन रह गया जोकि बिहार के युवा के लिए शर्मनाक है ।  सत्ता में एक मजबूत नेतृत्व का होना क्यों जरुरी होता है इसका सिख हमें इजराइल, जापान और सिंगापूर से लेने की जरुरत है।

हमारा देश भारत के आजादी के 18 वर्षों के बाद 9 August 1965 में सिंगापुर जातीय समूहों के बीच हिंसक संघर्ष के बाद सिंगापुर संघ से निकलकर एक स्वतंत्र देश बना जब सिंगापुर आज़ाद हुआ था उसके पास गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, भुखमरी के साथ ज़्यादातर जनसंख्या झुग्गी बस्तियों में रहा करता था और न तो खेती योग्य ज़मीन थी और न ही खनिज संपदा।

उस समय वहाँ की क़रीब आधी जनसंख्या अशिक्षित थी और सिंगापूर के पास ऐसी कोई चीज़ नहीं थी जो उन्हें  विकास के रास्ते पर ईंधन देने का काम कर सके.लेकिन इसी दौरान सिंगापूर को मिला ली कुआन जैसे प्रधानमंत्री का मजबूत नेतृत्व जिसका दूरदृष्टा सोच और दृढ़संकल्प ने 1980 आते आते यानि 15 वर्ष के अंदर उन्होंने  प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय उत्पाद में 15 गुना की वृद्धि करने जैसा कीर्तिमान बनाया और सिंगापूर को बुलंदी पर लाकर खड़ा कर दिया। और आज अगर इस देश की समृद्धि की बात करें तो वर्तमान में वहां के लोगों की औसत तनख़्वाह दुनिया में तीसरे नंबर पे है।

सिंगापुर के पूर्व प्रधानमंत्री ली कुआन ने कहा था “आख़िर मुझे क्या मिला? एक सफल सिंगापुर. बदले में मैंने क्या दिया? मेरा जीवन अर्थात सिंगापूर के विकास के लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया और एक बर्बाद हुए देश से चमचमाती इमारतों का मुल्क बना डाला। और आज सिंगापुर को दुनिया का आर्थिक अड्डा माना जाता है।

इस तरीके से विश्व के अनेको देश जिसके विकसित होने के सफर का अगर अध्यन करेंगे तो उसका सबसे बड़ा कारण रहा मजबूत नेतृत्व जिसने जाति और धर्म से बड़ा राष्ट्र धर्म को माना और बदले की राजनीती नहीं कर बदलने की रणनीति से पूरा राष्ट्र के जनमानस में आत्मविश्वास पैदा किया।

और इस बात का गवाह तो खुद बिहार का अतीत है जिसने दुनियाँ को अपना नेतृत्व दिया और सर्वप्रथम स्वर्ण युग की शुरुआत और लोकतंत्र की जननी रहा गौरवशाली  बिहार आज लाचार और विवस है। जुरूरत है धर्मान्ध और जातिवाद की जहर के मूर्क्षा से बाहर निकालने की और राष्ट्रप्रेम की भावना जगाने की नहीं तो हमारा हालत श्रीलंका से भी बदतर हो जायेगा।

इसलिए इस बार किसी पार्टी का उम्मीदवार नहीं चुन बल्कि अपने अपने क्षेत्र का प्रतिभावान जनपप्रतिनिधि चुन विधान सभा और लोकसभा में भेजने के संकल्प के साथ बिहार को एक मजबूत नेतृत्व देने के लिए इस मुहीम का हिस्सा बन इस चैनल के सभी विडिओ को समाज के हर वर्ग तक शेयर और फारवर्ड कर बिहार को पुनः वैभवशाली बनाने में अपना भागीदारी निभाएं।

Spread the love
By |2023-01-18T17:08:45+05:30March 4th, 2023|मुहिम|0 Comments

About the Author:

Leave A Comment