बिहार के शिक्षा स्तर को गिराने के लिए सबसे बड़ा साजिस??

//बिहार के शिक्षा स्तर को गिराने के लिए सबसे बड़ा साजिस??

बिहार के शिक्षा स्तर को गिराने के लिए सबसे बड़ा साजिस??

बिहार में सरकारी स्कूल टीचर का नौकरी आमिर गरीब सभी बनना चाहता है लेकिन उसमे पढ़ने के लिए सिर्फ गरीब और मजदुर का बच्चे ही जाता है वो भी मज़बूरी में। आपने सुना होगा जब नाश मनुज पे छाता है तो पहले विवेक मर जाता है और विवेक के लिए शिक्षा जरूरी होता है इसलिए बिहार में शिक्षा मित्र के रूप में गावं के मुपरुख लोगों के रिस्तेदार को स्कूल में नौकरी देकर बिहार के शिक्षा स्तर को गिराने के लिए सबसे बड़ा साजिस किया गया जिससे गरीब किसान मजदुर उन शिक्षक के खिलाफ आवाज भी नहीं उठा पाते और वे लोग स्कूल को अपना घर परिवार की समस्या को निपटाने का गोष्टी केंद्र बना डाला।

चुकी नेताओं को मालूम है अगर ये गरीब किसान मजदुर के बच्चे मेहनती और प्रतिभावान होता है और अगर वे लोग शिक्षित हो गए तो नेताओं का जातिवाद और धर्म का राजनीती की दुकानदारी बंद हो जायेगा और चुनाव में उसका झंडा लेकर सड़क पे फिर कौन दौड़ेगा।

जितना सालाना सैलेरी बिहार सरकार उनलोगों को दे रहा है और 55 वर्ष तक के उम्र तक देना पड़ेगा उससे चौथाई हिस्सा में स्कूल को सोलर ऊर्जा और इंटरनेट से जोड़ प्रोजेक्टर के माध्यम से विश्वस्तरीय आधुनिक शिक्षा दिया जाना संभव हो सकता था और बिहार के किसान, गरीब और मजदुर के बच्चे को भी सफल जीवन जीने के लिए प्रेरित किया जा सकता था।  जिससे वो बेसिक शिक्षा के साथ साथ टेक्नोलॉजी का भी ज्ञान लेकर अपना भविष्य निर्धारण करने में सक्षम हो पाता और एक श्रेष्ठ जीवन जीने के और अग्रशर हो पाता।

वर्तमान के परिदृश्य में बिहार के पुराने शिक्षक खुद ही लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से अवगत नहीं  ज्यादातर शिक्षक सरकारी पैसे लेकर अपना बिंदास जीवन जी रहे उसे मालूम करने की कोई जरुरत नहीं की वर्तमान के परिदृश्य में दुनियां किस और जा रहा है और  हम कहाँ है। आम आदमी हो या शिक्षक या मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री अगर वो विश्व के अनुसार अपने आप में या प्रदेश या देश में परिवर्तन नहीं लाएगा तो वो विश्व के आधुनिकता के दौड़ में पिछड़ा बनकर रह जायेगा और बिहार में शिक्षा का पिछड़ापन भी बिहार का देश के सबसे गरीब और पिछड़ा राज्य  होने का प्रमुख करना रहा। और इस साजिस का शुरुआत 90 दसक में हो चूका था तभी तो नेता लोग बिहार को जातिवाद की राजनीती का प्रयोगशाला बनाने में सफल हुए।

इसलिए इसबार हमें किसी राजनीती पार्टी या नेता को वोट नहीं देना बल्कि अपना निर्दलीय उमीदवार हम खुद चुनेंगे जिसके प्रोसेस के बारे में बहुत जल्द विडिओ आपके सामने होगा। बिहार में प्रतिभा की कोई कमी नहीं जरुरत है उसे मौका देने का ,अपने अपने क्षेत्र के  प्रतिभावन युवा जिसने किसान, गरीब, मजदूर, बाढ़ , सुखाड़  और बेरोजगारी का अपने निजी जीवन  में अनुभव किया हो और जिसके पास देश और दुनियाँ के विकास का ज्ञान हो उन्हें आनेवाले चुनाव में सर्वसमति से स्वीकारना होगा और उनके साथ कदम में कदम मिलाकर बिहार को अग्रणी बनाने के दिशा में एक पॉजिटिव माहौल पैदा करना होगा तभी हम देश और दुनियां का विश्वास जितने में सफल हो पाएंगे।

Spread the love
By |2023-01-18T17:08:05+05:30March 24th, 2023|मुहिम|0 Comments

About the Author:

Leave A Comment