ये नेता लोग कितना भी नफरत फैलाये हमारा देश भारत की आत्मा को जागृत करने वाला स्वामी विवेकानंद को भी मानता और मिसायल मेन तथा देश के युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत यूथ आइकॉन ऑफ दी इंडिया A. P. J. Abdul Kalam के ऊपर गर्व करने में इतराने से नहीं चुकता।
नफरत की राजनीती से नेता को फायदा तो संभव है लेकिन लेकिन किसी आम नागरिक या राष्ट्र का फायदा संभव नहीं। यहाँ सभी लोगों को अपने धर्मो को मानने की आजादी है। लेकिन धर्म के नाम पे अराजकता फैलाने का किसी को आजादी न हो ये सरकार और प्रशासन की जिम्मेवारी है।
लेकिन अफसोच वोट बैंक की राजनीती के लिए किसी विशेष धर्म या जाती के लोगों पे सरकार का मेहरबान होना ही राष्ट्र या समाज की अखंडता और एकता को कमजोर करता है। जोकि उस राष्ट्र या प्रदेश के सम्प्रभुता को प्रभावित कर वहां की जनता में आक्रोश को जन्म देता है जोकि उस राष्ट्र के विध्वंस का कारण बनता है।
किसी भी धर्म को मानने के लिए हर व्यक्ति स्वतंत्र है लेकिन धर्म के नाम पे कट्टरवादी सोच से किसी भी राष्ट्र का भला संभव नहीं.. जाती और धर्म अपने जगह है मानवहित और राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानने वाला समाज ही अपना अस्तित्व बचाने में सक्षम हो सकता है वरना हमारा भी दुर्दशा श्रीलंका, बेन्ज़ुएला, मयंमार और पाकिस्तान जैसा हो जायेगा।
इसलिए बिहार में जातिवाद के जहर से बेहोस उन सभी महानुभवों से मेरा आग्रह है की बदले की राजनीति को छोड़ बदलने की रणनीति पे अपना एकता दिखाकर आने वाले चुनाव में हमलोगों को अपने अपने क्षेत्र के प्रतिभाशाली नेतृत्व को चुन इतिहास रचना है। हमें किसी पार्टी के उम्मीदवार को वोट देने की जरूरत नहीं बल्कि हम ऑनलाइन जुड़कर अपने अपने क्षेत्र में ऐसे प्रतिभाशाली उमीदवार को चुनेगे जिसके पास अपने क्षेत्र की समस्या के समाधान के साथ साथ समृद्ध और श्रेष्ठ बिहार बनाने की रोडमेप हो।
इस मिशन का पूरा प्लान बहुत जल्द आपलोगो के सामने होगा, हमारे साथ बने रहने के लिए और इस मुहीम का हिस्सा बन समाज में जागरूकता लाने के लिए इस मुहीम को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर कर समृद्धशाली बिहार बनाने में अपना भागीदारी निभाएं।
नमस्कार जय हिन्द जय बिहार।
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