शिक्षा का उदेश्य नौकरी पाना नहीं होकर अगर नौकरी पैदा करने का हो जाय तो फिर उस प्रदेश और राष्ट्र को विकास की पराकष्ठा पे पहुंचने में देर नहीं लगती। और वर्तमान की टेक्नोलॉजी और डिजिटल वर्ल्ड की इस एकसवीं सदी में अगर प्रदेश की सरकार थोड़ी सी अपनी प्रतिबद्धता दिखाए तो हम मामूली पैसे खर्च कर घर बैठे अपने बच्चे को आधुनिक शिक्षा मुहैया करा सकते जोकि उसे जॉब सीकर नहीं जॉब क्रिएटर बना सकता है और हमारे समाज और देश के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है।
वर्तमान में हमे ऐसी शिक्षा पद्धति की जरुरत है जो व्यक्ति के नैतिक, बौद्धिक, शारीरिक, मानसिक, चारित्रिक, आर्थिक विकास को सुदृढ़ कर उसे मनुष्य जीवन के सार्थक उदेश्य और जीवन जीने की कला से परिचित कराता हो। और जीने लायक जीवन की तलाश के लिए प्रेरित करता हो। प्रत्येक देश की शिक्षा पद्धति अपने-अपने देश की संस्कृति, सभ्यता तथा आदर्शों के अनुरूप विविध प्रकार के ज्ञान-विज्ञान, शिल्प तथा कला से युक्त होती है। जोकी उस व्यक्ति को उस प्रदेश या राष्ट्र में जीवका उपार्जन के साधन के साथ साथ उसे एक श्रेठ जीवन जीने का अधिकार देता है।
आधुनिक शिक्षा पद्धति का अर्थ वर्तमान के समय की माँग और वर्तमान की जनमानस के समस्या के समाधान पे आधारित हो जो किसी भी समाज या राष्ट्र के संतुलित विकास का रोडमेप तैयार करने में सक्षम हो और विश्व को प्रतिनिधित्व करने की क्षमता रखता हो तभी हम विश्व के सामने सर उठाकर आंख में आंख मिलाकर बात करने के योग्य बन पाएंगे। जिसका अभिप्राय या उदेश्य उस राष्ट्र या प्रदेश के व्यक्ति का सर्वांगीण विकास के लिए निहित होता है।
इस प्रकार की शिक्षा हमलोग ऑनलाइन मोबाइल के माध्यम से घर बैठे बहुत ही कम खर्च में कैसे प्राप्त कर सकते है बस जरुरत है अपना सोच बदलने की सर्वप्रथम इस दुनियाँ में जो हम आये है एक व्यक्ति के रूप में या एक जजिम्मेदार नागरिक के रूप में हम अपने परिवार, समाज या राष्ट्र को क्या दे सकते है चुकी देना ही आदमी को महान बनाता बाकि मांगना या लेना व्यक्ति को भिखारी बनाता है। बस इतना सा सवाल से मोबाइल पे गूगल या यूट्यूब से पूछकर अपना जीवन का यात्रा प्रारम्भ कर दीजिये और इस पे अध्यन चालू कर देने भर से आपको अपना DESTINATION मिलाना तय है।
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