अपना वोट बेचने वाले बिहारी क्या जाने बिहारी मजदुर के दर्द को ?? महामानव की कर्मभूमि बिहार लाचार और विवश क्यों ??

//अपना वोट बेचने वाले बिहारी क्या जाने बिहारी मजदुर के दर्द को ?? महामानव की कर्मभूमि बिहार लाचार और विवश क्यों ??

अपना वोट बेचने वाले बिहारी क्या जाने बिहारी मजदुर के दर्द को ?? महामानव की कर्मभूमि बिहार लाचार और विवश क्यों ??

जातिवाद के राजनीती पे ताली बजाने वाले, एक बोतल शराब, किलोभर अनाज के लिए अपना वोट बेचने वाले , चंद पैसों के लिए माँ और मातृभूमि का सौदा करने वाले कुछ मुट्ठीभर लोग क्या जाने बिहारी के अपमान को। बिहारी होने के दर्द को अगर समझना है तो बिहार के उन मजदुर भाइयों से पूछो जो अपने परिवार की जिम्मेदारी को निभाने के लिए बिहार से बाहर मेहनत मजदूरी कर अपना जीवका उपार्जन कर रहा है और उसे क्या क्या सहना पड़ता है।

महामानवों की कर्मभूमि बिहार, जिसने देश और दुनियाँ  को शांति और  मानवता का पाठ पढ़ाया आज उसी बिहार में तीन चार दशकों से मानवता तार तार हो रही जिसे आज अपने घरों में दो वक्त की रोटी नसीब नहीं,.. उसके लिए बिहार से पलायन करना पड़ता हो,.. जिस भूमि से चन्द्रगुप्त मौर्य और महान अशोक ने  दुनियाँ में पहला समृद्ध लोकतंत्र की नींव रखी जहाँ विश्व का सबसे बड़ा नालंदा विश्वविद्यालय ने कला, विज्ञानं  शिक्षा, धर्म, अनुसन्धान , खगोलशास्त्र , आयुर्वेद, शून्य की खोज, गणित और सौरमंडल का पाठ पढ़ाया हो, उस बिहार का शिक्षा व्यवस्था निचले पायदान पे हो और स्वास्थ्य व्यवस्था खुद ही वेंटिलेटर पे हो , तो ये किसी अभिशाप से कम नहीं। इसलिए निचे दर्शाये जा रहे माध्यमों से ऑनलाइन खुद जुड़ें और अपने दोस्त और रिश्तेदारों को भी जोड़ें और समृद्ध बिहार बनाने के लिए संकल्प लें।

जिस धरती ने गाँधी को पहचान दिया और आजाद भारत को पहला यशस्वी राष्ट्रपति दिया हो, वह बिहार आज देश और दुनियाँ में पिछड़ा और गरीब के श्रेणी में क्यों ? कहाँ खो गई बिहार का बहार ?? इसका सबसे बड़ा जिम्मेदार बिहार की जनता है जिसने जाति और धर्म के नाम पे अपनी मातृभूमि की अस्मिता को दांव पे लगा और बिहार को लूटने का अधिकार अपने अपने जाती के ढेकेदार के हाथ में दे दिया।

हमें किसी सरकार या नेता के विरोध करने के झंझट में नहीं फसना है जो बीत गया सो बीत गया और न हमें सड़क पे प्रदर्शन करने की जरुरत है स्वयं से लड़ने का जरुरत है.. स्वयं पे आत्मंथन का जरुरत है..  स्वयं के रुग्ण मानसिकता को बदलने की जरुरत है…, हमें खुद से सवाल करना होगा की, हमने दशकों से चल रहे जाती और धर्म के राजनीती से क्या खोया और क्या पाया ?? चुकी दुनियाँ में हमें जाती के नाम से नहीं बल्कि बिहारी के नाम से जानता है।

ज्यादा नहीं सप्ताह में एक दिन शनिवार को रात नौ बजे 10 मिनट का समय इस चैनल के विडिओ को खुद देखने और सभी बिहारियों को देखने के लिए प्रेरित करें जिससे बिहार में जागरूकता लाया जा सके और हम बिहारियों का संकल्प पूरा हो सके ।

हमें किसी राजनीती पार्टी या नेता को वोट नहीं देना बल्कि अपना निर्दलीय उमीदवार हम खुद चुनेंगे जिसके प्रोसेस के बारे में बहुत जल्द विडिओ आपके सामने होगा। बिहार में प्रतिभा की कोई कमी नहीं जरुरत है उसे मौका देने का ,अपने अपने क्षेत्र के  प्रतिभावन युवा जिसने किसान, गरीब, मजदूर, बाढ़ , सुखाड़  और बेरोजगारी का अपने निजी जीवन  में अनुभव किया हो और जिसके पास देश और दुनियाँ के विकास का ज्ञान हो उन्हें आनेवाले चुनाव में सर्वसमति से स्वीकारना होगा और उनके साथ कदम में कदम मिलाकर बिहार को अग्रणी बनाने के दिशा में एक पॉजिटिव माहौल पैदा करना होगा तभी हम देश और दुनियां का विश्वास जितने में सफल हो पाएंगे।

कमेंट बॉक्स में जय बिहार लिखकर सभी बिहारी अपना एकता का परिचय दें।

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By |2023-01-18T17:09:57+05:30January 27th, 2023|मुहिम|0 Comments

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